विशेष संवाददाता द्वारा
रांची : झारखंड में खनिज के कुप्रबंधन के कारण सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। वहीं, दलाल और अधिकारी मिलकर बड़े पैमाने पर घोटालों में लगे हैं। देश के महालेखाकार इस मामले में राज्य की खनिज संपदा और खनन के प्रबंधन पर स्पेशल ऑडिट करने जा रही है। शीघ्र ही झारखंड में खान एवं खनिजों से संबंधित परिवहन और उनके प्रबंधन (विभाग की पूरी प्रक्रिया) का स्पेशल ऑडिट शुरू होने होगी। रांची स्थित प्रधान महालेखाकार कार्यालय ने स्पेशल ऑडिट की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह ऑडिट देश के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) दिल्ली के निर्देश पर मैनेजमेंट ऑफ माइंस एंड मिनरल्स का हाेगा।
इसके लिए एजी ने राज्य के खान सचिव को पत्र लिखकर खनन और परिवहन की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। इस रिपोर्ट के मिलते ही विशेष ऑडिट टीम इसकी गहन जांच करेगी। बता दें कि राज्य में खनिज और खनन को लेकर कथित रूप से हो रही गड़बड़ियों की शिकायत के बाद सीएजी ने स्थानीय एजी ऑफिस को एक पत्र भेजा था। इसके बाद तीन सप्ताह पहले सीएजी ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद श्रीवास्तव उर्फ पिंटू और सीएम के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र के माइनिंग लीज प्रकरण पर रिपोर्ट भी मांगी थी।
मालूम हो कि झारखंड में इन दिनों भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ चुके हैं। आय से अधिक संपत्ति और मनी लांड्रिंग मामले में जहां खान सचिव पूजा सिंघल जेल की हवा खा रही हैं, वहीं मुख्यमंत्री सह खान विभाग के मंत्री हेमंत सोरेन पर खनन लीज अपने नाम आवंटित करा लेने का मामला चल रहा है। झारखंड हाई कोर्ट, चुनाव आयोग और प्रवर्तन निदेशाल के अधिकारी इन मामलों की जांच कर रहे हैं। पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद यह बात भी सामने आ चुकी है कि जिला खनन पदाधिकारी खान सचिव पूजा के सीए सुमन कुमार को रुपये पहुंचाया करते थे। इतना ही नहीं यह आरोप भी सामने आ चुका है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का खनन माफियाओं के साथ संबंध है। उनके इशारे पर ही संताल क्षेत्र में माफिया खनिज संपदा की तस्करी कर रहे हैं। इतना ही नहीं, यह भी इल्जाम सामने आया है कि बड़ी संख्या में शेल कंपनियां बनाकर कालाधन खपाने का खेल यहां बदस्तूर जारी है। प्रवर्तन निदेशालय इस समय जिला खनन पदाधिकारियों से पूछताछ कर रही है। वह जल्द ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि से भी पूछताछ करने वाला है। इसकी प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में अब एजी द्वारा विशेष ऑडिट की घोषणा हेमंत सोरेन सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाली हैं। संभव है कि इस खेल में कई अफसर फंसेंगे। झारखंड में खनिज संपदा की लूट का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि यहां कई अफसरों ने अपने परिवार और रिश्तेदारों के नाम से खनन लीज ले रखा है। हेमंत सोरेन का मामला उजागर होने के बाद कई अफसरों ने तो अपने रिश्तेदारों से लीज सरेंडर भी करा दिया है। बावजूद उनकी भूमिका संदिग्ध को देखते हुए जांच एजेंसियां कभी भी उनतक पहुंच सकती हैं।